सुन्दर कांड : यथा नाम तथा गुण


श्री राम चरितमानस वैसे तो विश्व का महान ग्रन्थ है किन्तु इसमें समाहित सुन्दरकाण्ड की बात ही निराली है यह लोक कल्याण करक चरित श्री हनुमान जी पर केन्द्रित है। इसका नित्य प्रति पाठ करने से वास्तव में जीव का कल्याण होता है, उसके जीवन में चल रहीं समस्याएँ और परेशानियां कम होती हैं तथा वह इसका पाठ करने के पश्चात अवश्य ही लाभान्वित होता है। सुन्दरकाण्ड का पाठ जहाँ मन को शांति प्रदान करता है, वहीँ जीव का कल्याण करता है। कहते हैं की जो व्यक्ति सुन्दरकाण्ड को सुनता है उसे भी पाठ करने का पूरा फल प्राप्त होता है। इसकी महिमा के बारे में सुन्दरकांड के अंत में जो दोहा है वह सटीक बैठता है ----

सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान । सादर सुनहिं ते तरहीं भव सिन्धु बिना जलजान॥

अर्थात सभी के लिए कल्याण कारी यह श्री राम हनुमान चरित यदि श्रध्दा पूर्वक सुना जाये तो उसे मोक्ष के प्राप्ति होती है। यह कल्याणकारी चरित वास्तव में जीव के कयां के लिए है।

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