अपनी बात

बात उस समय की है जब मै बहुत परेशानियों में था । मुझ जैसे इंसान ने प्यार की गहराइयों को महसूस क्या है। एक पवित्र प्यार के रिश्ते की अहमियत को भी जाना है। उन दिनों जैसे प्यार मेरी ज़िन्दगी से अचानक गायब हो गया था और मैं चरों तरफ से परेशानियों में घिरता चला गया कारण था एक सच्चे प्यार की डोर का टूटना और वो प्यार मेरी ज़िन्दगी से सदा के लिए चला गया, जिसे प्यार किया ,वोह इस प्यार की अहमियत को बहुत देर में समझे और जब समझे तो बहुत देर हो चुकी थी ,उन्होंने प्यार से ज्यादा पैसे की अहमियत दी और मैंने प्यार के आगे सब को बोना समझा, शायद यही थी मेरी सजा जो केवल मैंने और सिर्फ मैंने ही भुगती मेरे पास मेरी यादे थी और उन्यादों के अलावा मेरे पास कुछ नहीं था। ज़माना जानता ही नहीं था की मुझे तकलीफ क्या है क्यूंकि ज़माने की नज़रों में मैं ही गलत था वोह सही थी मेरी गंभीर शेली ने मुझे एक दम खामोश सा ही कर दिया था फिर भी मै दुनिया को दिखाने के लिए हंस जाया करता था जिससे लोगों को यह लगे की मैं ठीक -ठाक हूँ।

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